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बिहार दाखिल खारिज

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परिचय

जमीन दाखिल खारिज को इंग्लिश भाषा में Land Mutation भी कहा जाता है। बिहार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा राज्य के भूमि सबंधित विवरण को ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया गया है। जिससे राज्य के सभी निवासी आसानी से अपनी भूमि-सबंधित कार्य को घर से भी करने में समर्थ हो सके। इसके लिए डिपार्टमेंट द्वारा ऑनलाइन पोर्टल को जारी किया है। जिसकी मदद से बिहार दाखिल खारिज, LRC Bihar,बिहार भूमि, भूलेख नक्शा, बिहार खतियान चेक, जमीन का विवरण देखना, खाता नंबर, खेसरा विवरण एवं अन्य भू-रिलेटेड की जानकारियां जान सकते है।

बिहार दाखिल खारिज

बिहार दाखिल खारिज का उद्देश

वर्तमान में राज्य में भूमि की Cadastral Survey एवं Revisionual Survey के आधार पर निर्मित एवं प्रकाशित सर्व खतियान एवं राजस्व मानचित्र में किसी प्रकार का परिवर्तन किया जाना संभव नहीं है। भूमि / भू-खण्ड का अन्तरण अथवा क्रय-विक्रय या अन्य विलेख के आधार पर भू-खण्ड के हस्तांतरण की स्थिति में भू-खण्ड को वास्तविक रूप में स्थल पर रेखांकित: किया जाना संभव नहीं होता है, जिसके कारण विवाद की समस्या उत्पन्न होती है। ऐसी स्थिति में भू-खण्ड को वास्तविक रूप में रेखांकित किये जाने हेतु बिहार विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोवस्त अधिनियम, 2011 तथा नियमावली, 2012 के आधार पर निर्मित एवं प्रकाशित स राजस्व नक्शा में दाखिल-खारिज के अनुरूप आवश्यक परिवर्तन किया जाना अपेक्षित है।

LRC Bihar एक Official पोर्टल है। जो राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (Department of Revenue and Land Reforms) बिहार सरकार द्वारा जारी किया गया है। विभाग का मुख्य कार्य जैसे- सरकारी भूमि का संरक्षण,भूमि अधिग्रहण,सरकारी जमीनों लीज,भू-अभिलेख का देख-रेख,भूमि सर्वेक्षण, बिहार दाखिल खारिज और सीमांकन करना आदि। इसके आलावा बिहार भू-क्षेत्रो से सबंधित अन्य जानकारियां भी ऑफिसियल वेबसाइट में उपलब्ध है। जिससे बिलकुल मुफ़्त में देख एवं जानकारी जुटा सकते है।

दाखिल खारिज की स्थिति से संबंधित संक्षिप्त विवरण

पोर्टल का नामबिहार भू लेख
विभाग का नामभूमि अभिलेख अनुरक्षण विभाग
लॉन्च किया गयाबिहार सरकार द्वारा
लाभार्थीबिहार के सभी नागरिक
उद्देश्यबिहार दाखिल खारिज कैसे देखें
श्रेणीसरकारी योजना
आधिकारिक वेबसाइटwww.biharbhumi.bihar.gov.in

बिहार दाखिल खारिज में भू-नक्शा का महत्व

भारत में अधिकतर विवाद जमींन को लेकर भी होते रहता है। हर साल हजारों की संख्या में जमींन विवाद के मामले देखने को मिलता है। इस समस्या को देखते हुए भारत सरकार द्वारा भू-नक्शा को शुरू किया गया। ताकि जमींन से सबंधित सभी आवश्यक विवरण मिल सके और निपक्ष तरीके से विवाद को समाप्त हो। भू नक्शा को लोगों तक आसानी से पहुंचाने के इसे ऑनलाइन भी जारी किया गया। जिसे मोबाइल,कंप्यूटर आदि से देखा जा सकता है। भूमि विवाद में भू- नक्शा को सबूत के तौर पर उपयोग कर जमींन के मालिक विवरण दिखाया जा सकता है।

भारत के कुछ राज्यों में भू नक्शा को डिजिटल माध्यम से ऑनलाइन कर दिया गया है। लेकिन अभी भी देश के जदातर इलाकों में भू-नक्शा का मदद लिया जाता है। भू-नक्शा का महत्व निम्न प्रकार हैं :-

  • जमीन के साइज: भू नक्शा से जमीन के आकर को जान सकते है। जमींन कितनी बड़ी है और जमीन के चारों तरफ अन्य कौन से जमीन हैं जो भूमि उसके सीमा को छूता हो।
  • भूमि मालिक: किसी भी जमीन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण है की जमीन का असली मालिक कौन है। क्योंकि अक्सर जमीन के मालिक को लेकर विवाद होता है। But, भू-नक्शा की मदत से भूमि का मालिक का विवरण जान सकते है।
  • जमींन का विवरण ऑनलाइन: भूमि का विवरण ऑनलाइन माध्यम से देखने के लिए जारी किये गए विवरण से सभी यूजर को आसानी से भूमि से सबंधित जानकारियां प्राप्त किया जा सकता है।
  • वैधता: भू नक़्शे से ज़मीन के वैधता के बारे में जान सकते है। भूमि सरकारी है या नहीं और भूमि पर निर्माण कार्य हो सकता है या नहीं।
  • समय की बचत: जब से भू नक्शा को ऑनलाइन कर दिया गया है। समय की भी बचत हो रही है। जिससे लोगों को आसानी से जमींन के ऑनलाइन भी विवरण मिल जाता है।

एलपीसी (LPC) क्या है?

LPC की फुल फॉर्म land possession certificate है। इसे हिंदी में ” परिमार्जन ” या ” भू -स्वामित्व प्रमाण-पत्र ” भी कहा जाता है। LPC एक ऐसा दस्तावेज है, जो यह दर्शात्ता है कि आपके नाम पर कितनी जमीन है, या आपका कितना हिस्सा सरकार के पास रजिस्टर्ड। दूसरे शब्दों में कहें तो यह राज्य सरकार की ओर से जमीन के मालिक को जारी एक दस्तावेज है। यही भूमि के स्वामित्व का सबूत है।

 जमीन की रजिस्ट्री आपके नाम होने के बाद सरकारी रिकॉर्ड्स में प्रॉपर्टी का म्यूटेशन कराना बहुत जरूरी है। म्युटेशन यानी बिहार दाखिल खारिज राजस्व रिकॉर्ड में एक व्यक्ति से किसी संपत्ति का ट्रांसफर या नामांतरण दूसरे व्यक्ति के नाम पे करने की प्रक्रिया को कहा जाता है। प्रॉपर्टी के म्यूटेशन (mutation) के बाद ही कोई भी व्यक्ति कानूनी रूप से अपनी जमीन का मालिक बन पाता है।

जमीन का दाखिल ख़ारिज हो जाने के बाद रजिस्टर 2 में नाम आ जायेगा। यदि आप ऑनलाइन भू-स्वामी प्रमाणपत्र बनवाना चाहते हैं तो इसके लिये आप ऑनलाइन ही लगान (Tax) जमा करें। यह डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर में दिखने लगेगा। यदि आपने ऑफलाइन यह कार्य करते हैं तो सीओ ऑफिस के ऑपरेटर को टैक्स डिजिटल जमाबंदी रजिस्टर पर अपडेट करने के लिए request करनी होगी। बिहार दाखिल खारिज के लिए आवेदन करने के बाद उसी जगह से आप LPC के लिए भी आवेदन कर सकतें है।

LPC के लाभ या आवश्यकता :–

  • जमीन पर बैंक से लोन प्राप्त करने के लिए।
  • भू-अर्जन के मामलों में जमीन पर अपना दावा प्रस्तुत करने में।
  • न्यायिक मामलों में भूमि धारण का प्रमाण स्वरूप प्रस्तुत करने में।
  • अचल संपत्ति दर्शाने में।
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) प्राप्त करने में आदि में।

एलपीसी बनवाने के लिए आवश्यक शर्तें :–

  • डिजिटल रजिस्टर 2 में नाम का होना। यह बिहार दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन (mutation) के बाद होगा।
  • वर्तमान साल की जमीन का टैक्स जमा होना।
  • आवेदक का मोबाइल नंबर।
  • स्व-घोषणा पत्र (Affidavit)।
  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • आवेदक का निवास प्रमाण पत्र और फोटोग्राफ।

बिहार दाखिल खारिज लॉगिन कैसे करें ?

बिहार दाखिल खारिज लॉगिन ( Bihar mutation login ) करना है तो आप निम्न चरणों का पालन कर सकते हैं –

  • सर्वप्रथम आपको बिहार राज्य सरकार द्वारा दिए गए सरकारी पोर्टल पर जाना होगा ।
  • इसके बाद नीचे कि तरफ स्क्रॉल करने पर आपको “आनलाइन दाखिल खारिज आवेदन करें” नामक विकल्प पर क्लिक करना है।
  • इसके बाद एक नया पेज खुल कर आएगा उसमें आपको अपनी रजिस्टर्ड ईमेल आईडी व पासवर्ड को दर्ज करना है।
  • नीचे की तरफ आपको captcha दिखाई देगा उसको भरने के बाद “sign in” बटन पर क्लिक करें।

बिहार दाखिल खारिज रजिस्ट्रेशन कैसे करें ?

  • सर्वप्रथम बिहार भूमि की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद नीचे स्क्रॉल करने पर आपको “बिहार दाखिल खारिज आवेदन करें” पर क्लिक करना है।
  • अगर आपने पहले से ही रजिस्ट्रेशन किया हुआ है तो लॉगिन करें अन्यथा Registration par click करें।
  • दिए गए विकल्पों को ध्यानपूर्वक भरें, विकल्पों को भरने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक OTP प्राप्त होगा।
  • OTP को दर्ज करें और proceed par click करें इससे आपका registration सफलतापूर्वक हो जाएगा।

बिहार दाखिल खारिज Online Status कैसे चेक करें ?

  • सर्वप्रथम आपको बिहार भूमि की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
  • इसके बाद आपको होम पेज पर बिहार दाखिल खारिज स्थित देखें पर क्लिक करना है।
  • उसके बाद नीचे दी गई जानकारियों को उचित रूप में भरें। जिसमे जिला व अंचल का चुनवा और वित्तीय वर्ष का चुनाव करें, और proceed बटन पर क्लिक करें।
  • इसके बाद केस नंबर या डीड नंबर को चुनें यदि डीड नंबर का ऑप्शन चुन रहे हैं तो रजिस्ट्रेशन साल को भी चुनें।
  • अब, “Search” के बटन पर क्लिक करे। इतना करने के पश्चात म्युटेशन आवेदन की सूची दिखाई देगा। जिसमें नाम, केस संख्या, खाता एवं प्लॉट संख्या, तारीख और स्टेटस देख पाएंगे।
  • अंत में आपको “view” बटन पर क्लिक करना है और आप अपने संबंधित आवेदन को देख सकते हैं।

FAQ

बिहार दाखिल खारिज खारिज कैसे करें ?

घर बैठे जमीन दाखिला खारिज करने के लिए आपको ऑनलाइन प्रक्रिया से होगा , जिसकी पूरी जानकारी आर्टिकल में विस्तार पूर्वक सरल से सरल आसान भाषा में दी है।

क्या बिहार भूमि पोर्टल सभी राज्यों के लिए उपयोगी है ?

नहीं, ये पोर्टल सिर्फ बिहार राज्य के निवासी के लिए है। 

ज़मीन का खाता संख्या क्या है ?

किसी क्षेत्र के कोई सारे आस-पास के ज़मीन के खसरा संख्या मिलाकर एक खाता नंबर बनता है।

रकवा किसे कहते है ?

किसी जमीन के क्षेत्रफल (Area) को रकवा कहते है। इसे डिसमिल,एकड़,हेक्टर आदि से मापा जाता है।

खेसरा नंबर क्या है ?

ग्रामीण इलाके के किसी भी जमीन के टुकड़े को खेसरा नंबर दिया जाता है। खेसरा नंबर सामान्यत: खाता नंबर का ही छोटा पार्ट होता है।

क्या ऑनलाइन बिहार दाखिल ख़ारिज देख सकते है ?

हाँ,ऑनलाइन ऑफिसियल पोर्टल के माध्यम दाखिल ख़ारिज का विवरण देख सकते है।

सर्वे नंबर किसे कहते है ?

शहरी क्षेत्र में जमीन के टुकड़ों को प्लॉट नंबर या सर्वे नंबर के नाम से जाना जाता है।

ऑनलाइन दाखिल खारिज करने में लगने वाले जरूरी दस्तावेज ?

1. जमीन का फुल दस्तावेज (एक ही PDF File में)
2. आधार कार्ड (जिनके नाम पे जमीन है )
3. मोबाइल नंबर (बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों के)
4. ईमेल ID

ऑनलाइन म्युटेशन Reject होने के बाद फिर से कैसे अप्लाई करें ?

दुबारा अप्लाई करने के लिए आपको सेम वहीं स्टेप फॉलो करना जैसे आपने पहले आवेदन किया था , सिर्फ Document Date को एक दिन आगे या पीछे कर देना हैं।

जमीन रजिस्ट्री के कितने दिन बाद बिहार दाखिल खारिज होता है ?

जमीन रजिस्ट्री के 45 दिन बाद दाखिल खारिज होता है |

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